
अबूझमाड़ की धरती से निकली बॉडी बिल्डिंग की चमकती उम्मीद
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ से ताल्लुक रखने वाली खुशबू नाग ने अपने बुलंद हौसले और मेहनत के दम पर बॉडी बिल्डिंग की दुनिया में एक खास मुकाम हासिल किया है। अब वे दिल्ली में आयोजित होने वाली शेरू क्लासिक इंटरनेशनल बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।
फिटनेस की मिसाल, बदलाव की प्रेरणा
खुशबू फिलहाल नारायणपुर के सिटी नाइट जिम में बतौर फिटनेस ट्रेनर काम कर रही हैं। वे न केवल खुद को प्रतियोगिता के लिए तैयार कर रही हैं, बल्कि आदिवासी अंचल की अन्य युवतियों को भी फिटनेस और आत्मनिर्भरता की ट्रेनिंग दे रही हैं। उनका मानना है कि “अगर बदलाव लाना है, तो शुरुआत खुद से करनी होगी।”
संघर्षों से सीखी हिम्मत, और जुनून बना जीत का रास्ता
खुशबू की शुरुआती शिक्षा बेहबेड़ा गांव के सरस्वती शिशु मंदिर से हुई और आगे की पढ़ाई नारायणपुर के आत्मानंद कॉलेज से बीएससी के रूप में पूरी की। पढ़ाई के साथ ही उन्हें फिटनेस का शौक भी रहा, जो समय के साथ जुनून में बदल गया।
उनके पिता एक कारपेंटर हैं और आर्थिक हालात बेहतर नहीं थे, फिर भी उन्होंने कभी अपनी बेटी के सपनों को रोकने की कोशिश नहीं की। भाई का समर्थन भी खुशबू के लिए एक मजबूत आधार बना।
मां की मौत ने तोड़ा, भाई की सलाह ने संभाला
साल 2019 में खुशबू की मां का निधन कैंसर से हो गया। यह दुख उन्हें अंदर से तोड़ गया, लेकिन उनके भाई ने उन्हें फिर से उठने और खुद को मजबूत करने के लिए जिम जाने की सलाह दी। यहीं उनकी मुलाकात कोच दिलीप यादव से हुई, जिन्होंने खुशबू की काबिलियत को पहचानते हुए उन्हें प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग की राह दिखाई।
अबूझमाड़ की बेटियों के लिए बनीं प्रेरणास्रोत
आज खुशबू नाग सिर्फ एक प्रतियोगी नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज की युवतियों के लिए उम्मीद की एक किरण बन चुकी हैं। वे साबित कर रही हैं कि अबूझमाड़ की बेटियां भी वैश्विक मंच पर अपने कौशल और मेहनत से जगह बना सकती हैं।
लक्ष्य सिर्फ मेडल नहीं, पहचान बनाना है
अब दिल्ली में होने वाली इंटरनेशनल बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में खुशबू का लक्ष्य सिर्फ पदक जीतना नहीं है, बल्कि वह यह संदेश देना चाहती हैं कि छत्तीसगढ़ की बेटियां भी हर मुकाम हासिल कर सकती हैं, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।